Shubhshree mathur
चप्पल
जो ढूढ़ते हैं
वो मिलता नहीं
जो मिलता है
वो लेते नहीं
सुबह उठकर
एक पैर की चप्पल ढूंढते हैं
जब तक ना मिले
सामने पड़ी दुसरे पैर
की भी पेहेनते नहीं
क्यों खोजते हैं पूरा करने को ?
जब कुछ अधूरा है ही नहीं
पैर मज़बूत हैं ना तुम्हारे ?
क्या वो चलते नहीं ?
ये खोज ख़त्म करो
और उठो
क्या हुआ अगर चप्पल के जोड़े
मिलते नहीं
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